उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त पवन कुमार ने धनबाद जिले की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक समाहरणालय के सभागार में आयोजित की गई, जिसमें प्रमंडलीय आयुक्त को समाहरणालय पहुंचने पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस बैठक में उपायुक्त सुश्री माधवी मिश्रा समेत धनबाद के विभिन्न विभागों के अधिकारी और जिला प्रशासन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन कोर्ट मॉनिटरिंग सिस्टम, भू-अर्जन, भूमि हस्तांतरण और लीज बंदोबस्ती से संबंधित मामलों की समीक्षा करना था। आयुक्त ने विशेष रूप से न्यायालय वादों के निष्पादन की प्रक्रिया और लंबित मामलों की स्थिति पर जोर दिया। उन्होंने अंचल अधिकारी, भूमि सुधार उपसमाहर्ता, अवर निबंधक जैसे अधिकारियों से मामलों की अद्यतन जानकारी ली और लंबित मामलों को शीघ्र निपटाने के लिए निर्देश दिए।
इस दौरान आयुक्त ने म्यूटेशन से संबंधित मामलों की भी समीक्षा की और सभी अंचलों के लंबित मामलों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने संबंधित अंचलाधिकारियों को तय समय सीमा के अंदर इन मामलों का निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। आयुक्त ने अधिकारियों से कहा कि म्यूटेशन प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध बनाया जाए ताकि नागरिकों को सुविधाजनक सेवा मिल सके और भूमि विवादों से बचा जा सके।
बैठक में भू-अर्जन, भूमि हस्तांतरण और लीज बंदोबस्ती से जुड़े मामलों की भी गहन समीक्षा की गई। आयुक्त ने धनबाद में चल रहे कोल खनन परियोजनाओं, रेलवे प्रोजेक्ट, गोमो फ्लाईओवर जैसी अन्य प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। इन परियोजनाओं से संबंधित भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया और उसके निष्पादन पर विशेष ध्यान दिया गया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भूमि अधिग्रहण और हस्तांतरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित हो और संबंधित दस्तावेजों और प्रक्रियाओं की उचित जांच की जाए ताकि भविष्य में किसी प्रकार की समस्या या विवाद न उत्पन्न हो।
आयुक्त ने कहा कि भूमि विवादों और शिकायतों से बचने के लिए अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी प्रासंगिक दस्तावेजों की ठीक से जांच की जाए और कोई भी कार्यवाही पूरी पारदर्शिता के साथ की जाए।
इस बैठक में उपायुक्त, अपर समाहर्ता, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, निबंधन पदाधिकारी और सभी अंचलाधिकारी समेत भू-अर्जन से संबंधित विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए। उन्होंने इस बैठक के माध्यम से यह सुनिश्चित करने की योजना बनाई कि सभी लंबित मामलों का शीघ्र समाधान हो और जिलों में भू-अर्जन और भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाया जाए।