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Monday, June 30, 2025

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Dhanbad:झरिया पुनर्वास पर डीसी आदित्य रंजन की बड़ी बैठक, बेलगाड़िया विस्थापितों को मिलेगा रोजगार और स्किल डेवलपमेंट का अवसर

DHANBAD:झरिया के विस्थापितों के पुनर्वास और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी आदित्य रंजन ने आज झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार (JRDA) की समीक्षात्मक बैठक की। यह बैठक समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में संपन्न हुई, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी, जेआरडीए और डीएमएफटी से जुड़े पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

 

बैठक में उपायुक्त ने JRDA के अंतर्गत संचालित सभी योजनाओं और विकास कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने बीते दिनों की बैठकों में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की अद्यतन जानकारी भी संबंधित पदाधिकारियों से ली। विशेष रूप से बेलगाड़िया क्षेत्र में विस्थापितों की स्थिति और उनके लिए उपलब्ध अवसरों पर चर्चा की गई।

युवाओं को मिलेगी ट्रेनिंग और नौकरी

बेलगाड़िया में रहने वाले युवाओं और बेरोजगारों के लिए उपायुक्त ने स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम को और अधिक प्रभावी बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि युवाओं को आधुनिक प्रशिक्षण देकर उन्हें रोज़गार योग्य बनाया जाए और कंपनियों में प्लेसमेंट की व्यवस्था की जाए।

उपायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल प्रशिक्षण से काम नहीं चलेगा, युवाओं को स्थायी रोजगार भी दिलाना ज़रूरी है। इसके लिए सभी संबंधित विभागों को समन्वय स्थापित कर कार्य करने का निर्देश दिया गया।

 

मूलभूत सुविधाओं पर भी रही चर्चा

बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, पेयजल, बिजली, सड़क, और अन्य मूलभूत सुविधाओं को लेकर भी गहन चर्चा हुई। उपायुक्त ने स्पष्ट रूप से कहा कि बेलगाड़िया जैसे पुनर्वास क्षेत्रों को केवल अस्थायी समाधान की जगह, एक दीर्घकालिक विकास मॉडल के रूप में देखा जाए।

उन्होंने कहा कि विस्थापितों के जीवनस्तर को बेहतर बनाने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है, लेकिन इसमें जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले अधिकारियों की सक्रिय भूमिका अत्यंत आवश्यक है।

 

प्रशासनिक सतर्कता और टीम भावना पर जोर

बैठक के अंत में उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे नियमित रूप से क्षेत्र का निरीक्षण करें और जनता की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि JRDA और DMFT की टीम को समन्वय के साथ काम करना चाहिए ताकि पुनर्वास की प्रक्रिया में कोई बाधा न आए।

 

उल्लेखनीय है कि झरिया के कोयला प्रभावित क्षेत्रों में लंबे समय से विस्थापन और पुनर्वास एक बड़ी चुनौती रही है। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा लिए जा रहे ये ठोस कदम उम्मीद की किरण साबित हो सकते हैं।

 

Repot:Team_PRD_Dhanbad

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