DHANBAD:झारखंड सरकार की वेबसाइट पर अनुसूचित जातियों की सूची में “हाड़ी” जाति को “हारी” दर्ज किए जाने के विरोध में हाड़ी जाति समाज सुधार समिति ने सोमवार को धनबाद उपायुक्त को सात सूत्री ज्ञापन सौंपा। समिति का कहना है कि यह त्रुटि समाज के लोगों को सरकारी योजनाओं और जाति प्रमाणपत्र बनवाने में बड़ी बाधा उत्पन्न कर रही है।
ज्ञापन में समिति ने स्पष्ट किया कि “हाड़ी” अनुसूचित जाति के तहत आती है, लेकिन राज्य सरकार की वेबसाइट पर इसे गलती से “हारी” लिखा गया है, जिससे लोगों को जाति प्रमाणपत्र बनाने में बाधा आ रही है और कई बार फॉर्म अस्वीकृत हो जा रहे हैं। समिति ने इस त्रुटि को जल्द से जल्द सुधारने की मांग की है।
इसके अलावा ज्ञापन में डेली वेजेज (दैनिक वेतनभोगी) सफाईकर्मियों के मुद्दे भी प्रमुखता से उठाए गए। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि सफाई कर्मियों को सरकार द्वारा तय न्यूनतम मजदूरी नहीं दी जा रही है। ठेकेदार मजदूरी की राशि कर्मियों के बैंक खातों में डालकर जबरन निकासी करवा लेते हैं, जो पूरी तरह से अवैध और शोषण का मामला है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि एसएनएमएमसीएच (सहायक अस्पताल) धनबाद के डेली वेजेज कर्मचारियों की बायोमैट्रिक हाजिरी नहीं ली जाती, न ही उन्हें वेतन की पेमेन्ट स्लिप या ई.पी.एफ. स्लिप प्रदान की जाती है। इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। साथ ही समिति ने यह भी मांग की कि इन कर्मियों को आई कार्ड भी दिया जाए जिससे उनकी पहचान और अधिकार सुनिश्चित हो सकें।
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा कि जिले में पिछले कई वर्षों से सफाईकर्मियों की नई बहाली नहीं हुई है, जिससे कार्यभार बढ़ गया है। उन्होंने शीघ्र बहाली प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है।
इसके अलावा ज्ञापन में बताया गया कि डेली वेज कर्मियों से आठ घंटे की बजाय बारह घंटे काम लिया जाता है, और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया जाता है। इस शोषण को रोकने की दिशा में ठोस कार्रवाई की मांग की गई है।
ज्ञापन सौंपने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे—जिला अध्यक्ष किशोर हाड़ी, कार्यकारी अध्यक्ष कार्तिक हाड़ी, महासचिव भुचू हाड़ी, कोषाध्यक्ष विजय हाड़ी, कार्यालय सचिव नारायण हाड़ी, रक्षा मंत्री भोला हाड़ी और युवा समिति के उपाध्यक्ष मनोज हाड़ी।