धनबाद शहर में अपराधियों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बरवाअड्डा इलाका इन दिनों अपराधियों का मुख्य निशाना बना हुआ है। शनिवार को मेमको मोड़ के पास से लॉटरी विक्रेता अरविंद जायसवाल का अपहरण हो गया।
पहले एक लाख, फिर 20 लाख की फिरौती की मांग
अरविंद जायसवाल के परिजनों को अपहरण की जानकारी तब हुई जब अपराधियों ने उनके मोबाइल से उनके घर पर फोन किया। पहले अपराधियों ने एक लाख रुपये की मांग की, यह कहते हुए कि यह लॉटरी की रकम है और बिना इसके वह अरविंद को नहीं छोड़ेंगे।
लेकिन दोपहर तीन बजे फिर से अपराधियों ने फोन कर 20 लाख रुपये की मांग की। उनका कहना था कि लॉटरी में उन्होंने काफी पैसा गंवाया है, जिसे अब अरविंद जायसवाल से वसूला जाएगा। इसके बाद से अरविंद जायसवाल का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया।
पुलिस की सक्रियता, लेकिन नहीं मिली कोई सुराग
इस घटना की शिकायत पर अरविंद जायसवाल के परिजन धनबाद थाना पहुंचे। मामले की गंभीरता को देखते हुए धनबाद पुलिस और बरवाअड्डा पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी। डीएसपी मुख्यालय वन शंकर कामती समेत कई वरिष्ठ अधिकारी अरविंद को ढूंढ़ने में जुट गए। शाम तक पुलिस ने उदयपुर इलाके में व्यापक तलाशी अभियान चलाया, लेकिन अरविंद जायसवाल और उनकी स्कूटी का कोई सुराग नहीं मिला।
रात 11 बजे लौटे अरविंद जायसवाल
पुलिस और परिवार की चिंताओं के बीच नाटकीय ढंग से अपहर्ताओं ने अरविंद को शनिवार की रात 11 बजे बरवाअड्डा के पास मुक्त कर दिया। यानि रात करीब 11 बजे अरविंद जायसवाल सकुशल लौट आया।
पुत्र के मोबाइल पर कॉल आने के बाद अपहरण की बात आई सामने
डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर नौशाद आलम और डीएसपी शंकर कामती अरविंद से पूरी घटनाक्रम के संबंध में जानकारी ले रहे हैं। अरविंद के मोबाइल नंबर के आधार पर धनबाद और बरवाअड्डा थाने की पुलिस लगातार छानबीन में जुटी थी। अरविंद दो-तीन माह पहले तक लॉटरी टिकट बेचने का काम करते थे। वह कोयले का भी काम कर चुके हैं। उनके परिजनों ने बताया कि सुबह नौ बजे वह अपनी स्कूटी से धैया स्थित भोला मुर्गा दुकान जाने की बात कह कर निकले थे। दोपहर 12 बजे तक वह हर दिन वापस घर लौट जाते थे। शनिवार को वे दोपहर में नहीं लौटे। उनके पुत्र अनिश उर्फ सचिन की मोबाइल उनके पिता अरविंद के नंबर से कॉल आया।
अरविंद जायसवाल का पारिवारिक पृष्ठभूमि
अरविंद जायसवाल कस्तूरबा नगर, लुबी सर्कुलर रोड में रहते हैं। उनके दो पुत्र हैं। बड़ा पुत्र सचिन जायसवाल दूसरे राज्य में नौकरी करता है, जबकि छोटा पुत्र अनीश धनबाद में ही रहता है। अरविंद जायसवाल पहले जगरनाथ पूरम के निर्माण कार्य में केयर टेकर थे।
घटना ने बढ़ाई शहर में दहशत
गौरतलब हैं कि यह पहला मामला नहीं हैं आए दिन ऐसे कई घटना को अंजाम दिया जा रहा हैं विगत दिनों ही जमीन कारोबारी को गोली मार दी गई थी जबकि इससे पहले भी कई घटना घट चुकी हैं वहीँ इस अपहरण की घटना से धनबाद शहर में दहशत का माहौल है। पुलिस घटना की गहन जांच कर रही है और जल्द ही अरविंद जायसवाल को ढूंढ़ निकालने का भरोसा दे रही है। वहीं, अपहरणकर्ताओं की पहचान और उनकी मंशा को लेकर भी पुलिस सतर्क है।