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Tuesday, July 1, 2025

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गंभीर बीमारियों से जूझ रहे सिगनल कर्मचारी विक्टर अमर सिंह की स्थिति दयनीय : नहीं मिली मंडल कल्याण कोष से आर्थिक सहायता

धनबाद मंडल के बरकाकाना सिगनल विभाग के वरिष्ठ सिगनल कर्मचारी विक्टर अमर सिंह पिछले चार वर्षों से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं और शारीरिक रूप से किसी भी प्रकार के कार्य करने में पूरी तरह अक्षम हो गए हैं। उनकी सभी प्रकार की छुट्टियां समाप्त हो चुकी हैं, जिससे वे बिना वेतन के जीवन यापन करने के लिए मजबूर हैं।

ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन (ईसीआरकेयू) के अपर महामंत्री और धनबाद मंडल के पीएनएम प्रभारी मो. ज़्याऊद्दीन ने बताया कि विक्टर की स्थिति बरकाकाना के मंडल दूर संचार व टेलकम अभियंता प्रभात कुमार वर्मा की संवेदनहीनता के कारण और भी दयनीय हो गई है। अधिकारी ने विक्टर को मंडलीय कर्मचारी कल्याण कोष से मिलने वाली आर्थिक सहायता के आवेदन पर अनुमोदन नहीं किया, जिससे विक्टर को वित्तीय मदद नहीं मिल पा रही है। मो. ज़्याऊद्दीन ने इस रवैये को अधिकारी की “मानवीय संवेदनहीनता की पराकाष्ठा” कहा।

गंभीर बीमारी से जूझ रहे कर्मचारियों के लिए आर्थिक सहायता की मांग

ईसीआरकेयू ने मंडलीय कर्मचारी कल्याण कोष से गंभीर बीमारियों से पीड़ित और शारीरिक रूप से अक्षम कर्मचारियों के लिए 10,000 रुपये की मासिक आर्थिक सहायता की मांग की थी। इस मांग को धनबाद मंडल के रेल प्रबंधक और वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी ने भी स्वीकृति दी थी, और प्रभावित कर्मचारियों को आवेदन जमा करने के निर्देश दिए थे। इस प्रक्रिया के तहत कई कर्मचारियों को मदद मिलनी शुरू हो गई है, लेकिन विक्टर अमर सिंह के मामले में उनका आवेदन प्रशासनिक बाधाओं में उलझा हुआ है।

विक्टर अमर सिंह की बिगड़ती स्थिति

विक्टर अमर सिंह, जो अपनी गंभीर स्थिति के बावजूद व्हीलचेयर पर मंडल दूर संचार अभियंता से मिलकर व्यक्तिगत रूप से अनुरोध कर चुके थे, फिर भी उनके आवेदन को अनदेखा कर दिया गया।

मंगलवार को उनकी हालत अत्यंत गंभीर हो जाने पर परिवार ने उन्हें बरकाकाना रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया। जानकारी मिलने पर ईसीआरकेयू के शाखा सचिव महेंद्र प्रसाद महतो और अन्य सदस्यों ने अस्पताल जाकर उनकी हालत का जायजा लिया। उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए उन्हें मेदांता अस्पताल, रांची रेफर कर दिया गया, जहां वे अब सघन चिकित्सा के अधीन हैं।

विक्टर की स्थिति गंभीर बनी हुई है, और उनका परिवार व यूनियन उनके उपचार और सहायता के लिए संघर्षरत हैं।

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