धनबाद रेलवे अस्पताल में हंगामा और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में रेलवे सुरक्षा बल (रेसुब) ने तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। घटना 02 नवंबर 2024 की है, जब रात 11:10 बजे SCNL/धनबाद द्वारा सूचना मिली कि कुछ लोग रेलवे अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में प्रवेश कर हंगामा कर रहे थे और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों को परेशान कर रहे थे।
घटना का विवरण
रिपोर्ट के अनुसार, रात लगभग 11:00 बजे, तीन व्यक्ति रेलवे अस्पताल धनबाद के आपातकालीन वार्ड में पहुंचे, जिनमें से एक व्यक्ति के सिर में चोट थी। बाकी दो लोग डॉक्टरों पर जोर देने लगे कि तुरंत इलाज किया जाए। डॉक्टर दीपक कुमार (ADMO/Ortho/DHN) द्वारा पहचान पत्र और UMID कार्ड की मांग की गई, जिसके बाद ये लोग हंगामा करने लगे।
डॉक्टर ने तुरंत रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को सूचना दी, जिसके बाद प्रभारी निरीक्षक महोदय और टीम तुरंत मौके पर पहुंची। दो व्यक्तियों को आपातकालीन वार्ड के पास हंगामा करते हुए गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि तीसरा व्यक्ति पहले ही भाग चुका था।
अभियुक्तों की पहचान
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में:
हितेश कुमार (उम्र 24 वर्ष), निवासी मनईटांड, मारी गोदाम, थाना धनसार, जिला धनबाद।
- उमाशंकर पासवान (उम्र 44 वर्ष), निवासी रेलवे हॉस्पिटल कॉलोनी, थाना धनबाद।
भागने वाले तीसरे व्यक्ति का नाम शुभम श्रीवास्तव उर्फ मोलू (उम्र 29 वर्ष), निवासी हरि नारायण कॉलोनी, बरमसिया, थाना धनसार, जिला धनबाद है। बाद में शुभम श्रीवास्तव को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
अभियुक्तों द्वारा स्वीकारोक्ति और गिरफ्तारी की प्रक्रिया
पूछताछ के दौरान सभी अभियुक्तों ने रेलवे अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में अवैध रूप से प्रवेश करने और हंगामा करने की बात स्वीकार की। दोनों अभियुक्तों को मानवाधिकार नियमों का पालन करते हुए गिरफ्तार किया गया और रेसुब पोस्ट धनबाद पर लाया गया। इसके बाद हितेश कुमार ने शुभम श्रीवास्तव को बुलाया, जिसने भी अपनी गलती स्वीकार की। उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया और उसके पास से ONEPLUS का स्मार्टफोन और मोटरसाइकिल (संख्या JH10CF1809) जब्त की गई।
कानूनी कार्यवाही और जुर्माना
उप-निरीक्षक कुन्दन कुमार के लिखित शिकायत पत्र के आधार पर प्रभारी निरीक्षक के आदेशानुसार कांड संख्या 4022/24, दिनांक 03/11/2024, U/S 145, 146 और 147 रेलवे अधिनियम के तहत मामला पंजीकृत किया गया। अभियुक्तों के परिजनों को गिरफ्तारी की सूचना दी गई और उन्हें धनबाद के माननीय रेलवे न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ प्रत्येक पर 1500/- रुपये का जुर्माना लगाया गया।
रेलवे सुरक्षा बल की त्वरित कार्रवाई से रेलवे अस्पताल का कार्य व्यवस्थित हो सका और सरकारी कार्य में अवरोध उत्पन्न करने वाले अभियुक्तों के खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए गए।